जीवन की आवश्यकताओं की खरीद और बिक्री के लिए माप तौल के उपकरणों को नागरिकों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। अत वजन और माप तथा डिब्बा बंद वस्तुओं की सटीकता का प्रवर्तन एक कल्याणकारी राज्य में सरकार की एक अनिवार्य गतिविधि है। इस प्रयोजन के लिए, उपभोक्ता मामले विभाग का विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ विधिक माप विज्ञान अधिनियम, 2009 के तहत काम करता है और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है। पूर्व में यह यह प्रकोष्ठ उद्योग विभाग के अधीन कार्य कर रहा था किन्तु वर्ष 2015-16 की बजट घोषणाओं के क्रम में विधिक मापविज्ञान प्रकोष्ठ को दिनांक 01.10.2016 से उपभोक्ता मामले विभाग के अधीन किया गया है।